इस दिशा में हों सीढ़िया
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सीढ़ियां हमेशा नैऋत्य यानी दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें। इस दिशा में सीढ़ियां होना उत्तम माना जाता है। इससे घर में प्रगति होती है और सुख-शांति बनी रहती है। वहीं उत्तर-पश्चिम दिशा का चयन भी सीढ़ियों के निर्माण के लिए सही माना जाता है।
सीढ़ियों के इस दिशा में होने से होता है नुकसान
कभी भी मुख्य दरवाजे के सामने, उत्तर दिशा या फिर ईशान कोण में सीढ़िया नहीं होनी चाहिए। माना जाता है कि इससे घर में रहने वाले सदस्यों के हाथ से अच्छे मौके छूट जाते हैं और आमदनी भी घटती है। साथ ही ये हार्ट संबंधित समस्या को भी न्यौता देती हैं।
इतनी संख्या में हों सीढ़ियां
सीढ़ियां हमेशा विषम संख्या में होनी चाहिए, जैसे 7, 11, 15, 19 या फिर 21 आदि। घर में विषम संख्या में सीढ़ियां खुशियां बनाए रखती हैं और मकान मालिक के विकास और लोकप्रियता में वृद्धि होती है। आम तौर पर घर में 17 सीढ़ियां शुभ मानी जाती हैं।
सीढ़ियों के नीचे ना हों ये चीजें
सीढ़ियों के नीचे किचन, बाथरूम या फिर फिश-एक्वेरियम ना रखें। कोशिश करें कि इन सभी चीज के लिए अन्य विकल्प का इस्तेमाल करें। इससे ना केवल आर्थिक स्थिति कमजोर होती है बल्कि परिवार वालों की सेहत पर अशुभ प्रभाव पड़ता है। साथ ही धन एकत्र करने में काफी परेशानी आती है। इसलिए सीढ़ियों के नीचे जल से संबंधित कोई चीज ना हो।
इस तरह भी दूर कर सकते हैं वास्तु दोष
अगर सीढ़ियां गलत दिशा में बनी हुई हैं और तोड़-फोड़ संभव नहीं है तो वास्तु शास्त्र में इसका भी उपाय बताया गया है। आप सीढ़ियों पर स्टोन पिरामिड की स्थापना कर सकते हैं। यह पिरामिड सीढ़ियों की वजह से उत्पन्न हो रहे वास्तु दोष को खत्म करेगा और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करेगा।

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